Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
पुलिस ने इस मामले में बिकास घोष उर्फ शीतल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो इलाके में एक एजेंट के रूप में काम कर रहा था। शीतल जरूरतमंद और गरीब लोगों को 360 प्रतिशत की भारी ब्याज दर पर कर्ज देता था।
अशोकनगर। पश्चिम बंगाल के अशोकनगर में एक संगठित किडनी तस्करी गिरोह का भांडाफोड़ हुआ है। पुलिस जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इस गिरोह ने कर्ज के जाल में फंसा कर कम से कम दस लोगों की किडनी निकलवा ली। आशंका जताई जा रही है कि यह संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।
पुलिस ने इस मामले में बिकास घोष उर्फ शीतल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो इलाके में एक एजेंट के रूप में काम कर रहा था। शीतल जरूरतमंद और गरीब लोगों को 360 प्रतिशत की भारी ब्याज दर पर कर्ज देता था। जब कर्जदार लोग ब्याज चुकाने में असमर्थ हो जाते, तो उन पर दबाव डालकर उनकी किडनी बेचने के लिए मजबूर किया जाता।
गिरोह के सदस्य किडनी दाताओं को पांच से 5.5 लाख रुपये देने की बात कहते थे, लेकिन असल में उनकी किडनी 25 लाख रुपये में बेची जाती थी। इस पूरी प्रक्रिया में शीतल और अन्य एजेंटों को मोटा कमीशन मिलता था।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि शीतल का संपर्क उत्तर प्रदेश के एक दलाल से था। यह दलाल अशोकनगर और आसपास के कई अन्य इलाकों में ऐसे ही एजेंटों के जरिए किडनी तस्करी का रैकेट चला रहा था।
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कानूनी रूप से प्रशासनिक अनुमति जरूरी होती है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों को शारीरिक जांच करनी होती है और वित्तीय लेन-देन पूरी तरह प्रतिबंधित होता है। इसके बावजूद यह गैंग सरकारी नियमों को धता बताकर इस अवैध कारोबार को अंजाम दे रहा था। पुलिस को संदेह है कि इस नेटवर्क में दलालों और एजेंटों के अलावा कुछ उच्चस्तरीय लोग भी शामिल हो सकते हैं, जो सरकारी अनुमति दिलाने में मदद कर रहे थे।
उत्तर 24 परगना जिले में किडनी दान करने वाले लोगों की सूची पुलिस ने मंगवाई है। संदेह है कि यह रैकेट पिछले कुछ वर्षों से सक्रिय था और कोविड महामारी के बाद इसकी गतिविधियां और तेज हो गई थीं। बारासात जिले की पुलिस अधीक्षक प्रतीक्षा झारखरिया ने कहा, "हम इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रहे हैं। मुख्य दलालों और सरकारी अनुमति दिलाने वालों की तलाश जारी है। हम अपील करते हैं कि जो लोग इस गिरोह के शिकार हुए हैं, वे पुलिस से संपर्क करें।"